मैया मैं द्वार तेरे आई
मैया मैं द्वार तेरे आई आई बनके जोगनिया, श्रद्धा के फूल चुनके लाई लाई चुन के मैं कलियाँ, तू ही
मैया मैं द्वार तेरे आई आई बनके जोगनिया, श्रद्धा के फूल चुनके लाई लाई चुन के मैं कलियाँ, तू ही
तेरे दर पे शीश झुकाया, जो मांगा माँ तुझसे है पाया मइया जी मैं निहाल हो गया, मइया मैं माला
तेरे वसदे रेहन दुवारे झंडे रेह्न्दे रेहन हुलारे, तेरे गुंजन माँ जयकारे मेरी शेरावाली माँ, जो भी तेरा नाम ध्यावे
कर रेहमता खजाने माँ ने भरते, माँ रंग सहनु चड़ गये तेरे दर दे, साड़ी भी तू सुन फरयाद दातिये
गल नल लावे दुनिया बेगानी ऐ, अज जो भी बने तेरी मेहरबानी है, दिल रजे नहीं मेरा तेरी देख के
भगता नु दर्श दिखा दे माँ कर किरपा मैनु नाम दा रंग चढ़ा दे माँ कर किरपा तू ता माँ
रंग बरसे लाल गुलाल मईया जी तेरे भवना ते सारे वेख-वेख होए ने निहाल मईया जी तेरे भवना ते सज
माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन
चारों दिशा में मईया जी की हो रही जय जयकार नवरातों की पावन बेला झूम रहा संसार आज आयी माँ
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… जल में भी