खैर पा दे शेरां वालिये
तेरे दर ते खड़ी मैं वर मंगदी, खैर पा दे शेरां वालिये सुनिया मैं माये खाली किसे नु न मोड़दी,
तेरे दर ते खड़ी मैं वर मंगदी, खैर पा दे शेरां वालिये सुनिया मैं माये खाली किसे नु न मोड़दी,
इतनी किरपा मावड़ी बनाये रखना, मरते दम तक सेवा में लगाए रखना, मैं तेरा तू मेरी दाती मैं राजी तू
तेरे झंडेया दी छा विच रेहने माँ झंडेया वालिये, हर वेले मौजा लेने आ माँ झंडेया वालिये तेरे झंडेया दी
मेरा घर एक कुटिया गरीब की, मेरी कुटिया छोड़ के मत जइयो, मेरे दिल मे बना तेरा मन्दिर माँ, मेरे
झंडे वालिये नि लाल असि तेरे द्वारे ते लाये डेरे पा बचैया नु खैर दातिए पा बचैया नु खैर दातिए
किरपा करना हे छठी मइया, दुःख तू हरना हे छठी मइया कोख चेह्कत रहे मांग चमकत रहे, मेरे व्रत को
मैं दर ते आउने है सब कड के मनो ख्याल, असि दिल अपने ते ना लिखियाँ नाम लिखियाँ चावा नाल
जैसा चाहो वैसा समजना बस तुमसे इतना कहना, मांगने की आदत तो जाती नही है, तेरे आगे लाज मुझे आती
पँखिडा ओ पँखिडा पँखिडा ओ पँखिडा॥ पँखिडा तु उड़ ने जाना पावागढ़ रे, महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे। म्हारी
सोच के निकला था तेरे से सब कुछ मांगूगा, ये भी मांगूगा तेरे से वो भी मांगूगा, लेकिन जब तेरे