
तेरा सज्या है दरबार माये हो रही जय जय कार
तेरा सज्या है दरबार माये हो रही जय जय कार, तेरी हो रही जय जय कार ते संगता खड़ियाँ ने,

तेरा सज्या है दरबार माये हो रही जय जय कार, तेरी हो रही जय जय कार ते संगता खड़ियाँ ने,

पर्वत ज्योति लहराई,जै हो तेरी ज्वाला माई तू सबके मन को भायी ,जै हो तेरी ज्वाला माई, धरती से निकली

तारयो देवा जी सानू तारयो पहाड़ावाली तारयो माँ शेरावाली परगट होई आज भगता दे वेडे नाल मईया नु लडू चडावा

चिन्ता दूर तेरी सब कर देगी, ले नाम तु चिन्तपूर्णी दा !! सिर हथ मेहरा दा धर देगी, ले नाम

तू साँची है भवानी माँ,तेरा दरबार साँचा है , टिका जिसपे जगत सारा , तेरा माँ प्यार साँचा है तेरे

माता तेरे चरणों में हर सुख जीवन का पाया है। दौड़ी आई है तू दिल से जब-जब तुझे बुलाया है।

मेंहदी रची थारे हाथा मे, उड रहयो काजल आंख्या मे, चुनडी रो रंग सुरंग म्हारी आमज माँ।। अरे चांद उग्यो

सारे घाटे पुरे किते लोड है बस दीदार दी, माँ आजा शेरवलिये तनु सोह साढ़े प्यार दी, इक दिन सुपने

स्वर्गां तो सोहना तेरा द्वार असी हथ जोड़ खड़े, साडी वी सुन ले पुकार असी हथ जोड़ खड़े , चोहा

देखो चलीये भगतो चड़े चलिये मेरी मैया का लगा है दरबार चलिए देखो चलीये भगतो चड़े चलिये पहाडो पे बैठी