एक वार माँ आ जाओ
( देख तेरे भक्तों में, माँ किस कदर अंधेर है, जल्द पर्दे से निकल, माँ करी क्यों देर है l
( देख तेरे भक्तों में, माँ किस कदर अंधेर है, जल्द पर्दे से निकल, माँ करी क्यों देर है l
तेरे दर पे आये है फर्यादे लाये है, सुनती हो सभी की माँ ये सुन के आये है तेरे दर
असी उड़दे आसरे तेरे,माँ सानु रख चरणा दे नेड़े असी उड़दे आसरे तेरे॥ असी उड़दे आसरे तेरे……….. भवन तेरे माँ
माँ संतोषी दरबार मैया आ जाओ एक बार मैया आ जाओ मैया आ जाओ तेरी राह निहारु दिन रात मैया
मेरा सुखी रहे परिवार, “माता कृपा करो , मेरा इन्ही से है संसार, “माता कृपा करो, मेरा सुखी रहे परिवार,
भावे हां कर माँ भावे नाह कर माँ असी मंगते हां मंगदे ही रेहना ऐ, दाती हो के तू गुस्सा
मंगता दर आ बैठा .. हाय , हो कदे वी न टूटे जो दाती ऐसी प्रीत लगा बैठा मीह अम्ब्रो
मेरी सुन ले न दिल की पुकार ओ मैया जल्दी आ जाना अगले साल चोक पुराऊ मंगल गाऊ दर्शन को
मन ललचाये रे दिल गबराए तनक दर्श दे माँ काहे नही आये, अरे तेरे दर्श को माँ हम सब आये
चला चली चंदीपुर नगरिया याहा दुर्गा माई की मंदरियां ना चंदीपुर नगरिया दुर्गा माई की मंदरियां सखी चला चली चंदीपुर