मेहरा वाला मीह वरसाई माई मेरिये
चारे पासे सुख हों किसे नु न दुःख होण, एहो जहिया रोनका लगाई माई मेरिये, मेहरा वाला मीह वरसाई माई
चारे पासे सुख हों किसे नु न दुःख होण, एहो जहिया रोनका लगाई माई मेरिये, मेहरा वाला मीह वरसाई माई
तेरी शरण आया दीन दुखी , करो मुझ पे कृपा मांँ बंगलामुखी, पीला है ए भोग ते पीला है वाणा
दर पे तेरे झोली लेके आया हु भरदो झोली भर दो झोली भर दो झोली मेरी मैया सुना सब के
मेरी मैया तुम्हे भक्तो को अजमाने की आदत है, मगर भक्तो को भी हर कष्ट सह जाने की आदत है,
हर कोई सुखी होव कोई भी न दुखी हॉवे, सबना दे उते मेहर कर महरा वलियाँ , खाली जिद्दी झोली
सांवरियां थारा नाम हज़ार रे मैं कइया लिखू कुम कुम पदरी, को कवे तने देवीकी कोई कवे तने यशोदा रो,
पावन घडी देखो आई भक्ति की मस्ती छाई, बजते है ढोल डमाँ डम चलो भगतो नाचे शमा शम, गली गली
ऊंचे पर्वत स्वर्ग नजारा, सोहना तेरा भवन प्यारा॥ बिच जगदी जोत जवाला, मा तेरी रहमत दा, रंग बरसे बडा
मेरी अम्बे माँ जगदम्बे माँ असि तेरे रंग विच रंगे माँ, माँ जिह्ना ने तेरा लड़ फड्या ओ पला च
कर दे सभी पे उपकार ओ मैया दुखड़े खड़े जो तेरे द्वार है कर दे सभी पे उपकार ओ मैया