सजाया माँ तेरा दरबार
सजाया माँ तेरा दरबार, किरपा करदे आन पधार, तुझे कब से पुकारे जीन माँ, तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
सजाया माँ तेरा दरबार, किरपा करदे आन पधार, तुझे कब से पुकारे जीन माँ, तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
चल चलिए माता दे रुत दर्शन करन दी आई उचेया पहाड़ा विच बैठी महामाई चल चलिए माता दे रुत दर्शन
आयी काली मायी आयी काली मायी, दुष्टों को यम लोक पौह्चाने अपने भक्तो के कस्ट मिटने, तीन लोक में बनके
तर्ज – एक प्यार नगमा है मेरी प्यारी ओह मईया जी, दर्शन तो दे दो मां दर्शन को पाने को
मेरी जींद दुख ने घेरी माँ किते रेहमत होजे तेरी माँ, मेरी बेरंगी जिंदगी च रंग भर दे माँ ,
असो नवरातर चलत सांवरिया सगरो देवी माई के दुवरिया असरा सनेहिया के जोड़ के, चुनरिया ओढ़ के दुर्गा कुंड बनारस
शेर पे होके सवार मेरे घर आये गी माँ करने सभी का बेडा पार मेरे घर आये गी माँ, सुंदर
किती मेहर मेरे उते महारानी ने, छड़ी कोई भी न घाट जग जानी ने, दिल करे मेरा माँ दी भर
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ,
हुई दुखो की हार खुले खुशियों के द्वार, मेरा महक उठा संसार मैया जी तेरा नाम जपके, हुई ममता निहाल