मैया को मनाता चल भगता
मैया को मनाता चल भगता, तू ज्योत जगाता चल भगता, तू सिर को झुकाता चल भगता,, माँ के नाम को
मैया को मनाता चल भगता, तू ज्योत जगाता चल भगता, तू सिर को झुकाता चल भगता,, माँ के नाम को
झूमे श्रदा से मन आ गाये नवराते माँ के नवराते मुरादे और मन्नते पूरी करने सभी शेरावाली संग लेके आ
मैं कद दा खड़ा अवाजा मारा मेरे बोल सुनो कुझ बोलो माँ बूहे मंदिरा दे खोलो खोलो माँ भगता नाल
मैया के भवन से आई है हमे चिठियाँ, जाना है जरूर मिले या ना मिले छुटिया, नन्हे नन्हे छोटे छोटे
दर ते लगियां रोनका तुसी नक लो भंगडे पा लो अज रज के होइया रेहमता माँ दा लख लख शुकर
फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली शीश मुकट नैनो में है गजरा फूलो का केशो में सोये
भर दे साडे पल्ले माँ मंदिरा च रेहन वालिये, तू भरदे साडे पल्ले पहाडा विच रेहन वालिये, हथ मेहर दा
तेरे गले में, सजे हैं सोहने हार दातिए ll, “तेरा सबसे, निराला है शृंगार दातिए” ll तेरे पैरों में पाज़ेब,
मैया जी दे मंदिरा नु जाना भगतो नवरातेया दे दिन हूँ आ गये, मैया जी दा दर्शन पाना भगतो माँ
मेहरांवाली दाती रखी चरना दे कोल, ज्योता वाली दाती रखी चरना दे कोल, अपना भगता लई बूहे माये मंदिरा दे