सबको देती है मईया
*सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से l किसी को किसी बहाने से, xll -ll डूब रही बनिए की नईया,
*सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से l किसी को किसी बहाने से, xll -ll डूब रही बनिए की नईया,
हाथ जोड़ के खड़ी हु तेरे दवार मेरी माँ , पूरी कर दे मुरदे एक बार मेरी माँ , तेरी
शेरा वाली करती बेडा पार है सबसे बड़ी मेरी मैया की सरकार है, जुकता सारा चरणों में संसार है,सबसे बड़ी
माँ तेरे नाम सुनकर आया हा बड़ी दूर से, झोली मेरी नु भर देना माँ आपने ही नूर से, कैसा
शेरा ते सवार मात मेरी शेरा ते, हो रही जय जेकर मात मेरी शेरा ते, शेरा ते सवार….. मैयां लाई
जय जय माँ दन्तेश्वरी मैया जी तेरी महिमा बड़ी, नैया हमारी पार करो माँ कब से मझधार खड़ी-खड़ी-खड़ी, दर पे
( ॐ जयंती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी l दुर्गा क्षमा शिवा धात्री, स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ll सर्वमङ्गल माङ्गल्ये, शिवे सर्वार्थ
शेलपुत्री भवानी तुम ही हो, तुम ही हिमांचल दुलारी कहलाती, नो रूपों में प्रथम तेरी पूजा करने दुनिया ये दर
तेरे दर ते मैं आया कई वार, माये नि मेनू खैर नि मिली, कीते तरले मैं लख ते हजार, कीते
ल्याया थारी चुनरी , करियो माँ स्वीकार, इमें साँचा साँचा हीरा और मोतियों की भरमार !! चुनरी को रंग लाल