तैनु किथे मैं बिठावां शेरावालिये
तैनु किथे मैं बिठावां ज्योता वालिये की, घर मेरा निक्का जेहा तेनु किथे मैं बिठावा शेरावालिये की, घर मेरा निक्का
तैनु किथे मैं बिठावां ज्योता वालिये की, घर मेरा निक्का जेहा तेनु किथे मैं बिठावा शेरावालिये की, घर मेरा निक्का
माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे माँ सुनती है मन की बोली करो याद कही पर
तेरे आये नवरात्रे आये नवरात्रे, माँ खोल गुफा के द्वारे सब बोल रहे जय कारे, उचियाँ लामियां चढ़ के चढ़ाइयाँ
आओ रे सब आओ रे मातारानी के द्वारे , खेलो रे गरबा हिल मिल के सारे मातारानी के द्वारे ,
हे माँ मती दे और भले कुछ दे या न दे आँखों में शुभ दर्शन पाऊ मैं तेरा रूप निहारु
ले के पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली, तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ । तू जो दे दे सहारा,
मेरी मैया दे पसंद किवे आई तू मुहो कुझ बोल चुनिए मेरी मैया दी तू शान बदाई मुहो कुझ बोल
तेरे रज रज दर्शन पावांगे, साहनु फेर बुलाई असि आवा गे महारानी दरबार सजा के विच पहाड़ा बैठी, जेहड़ा आके
शेरावालिये डोरा तेरे उत्ते सुटियाँ, जोटा वालिये डोरा तेरे उते सुतियाँ, जीना डोरा सुटियाँ ओहना ने मोजा लुटिया, जिसदा सिर
जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए, हमें माँ इक तेरी झलक चाहिए, दया और ममता का मंदिर है तू, तुझे