दरबार में चल के आई हु
दरबार में चल के आई हु आई हु मेरी माँ तेरे लिए इक बार तो माँ दर्शन देदे, मर जाउंगी
दरबार में चल के आई हु आई हु मेरी माँ तेरे लिए इक बार तो माँ दर्शन देदे, मर जाउंगी
मैया की महिमा हम मिल कर सब गाये मैया की ज्योत हम मिल कर जलाए मेरी मैया से जग की
चढ़ नीवीयां ऊचीया घाटीया, असीं आये तेरे दीदार नु , माँ जगदम्बे शेरावालीऐ , अज खोल दे भरे भण्डार नु,
मैया जग दाता दी, कह के जय माता दी, तुरिया जावीं देखी पैंडै तो ना घबरावीं। पहला दिल अपना साफ
दरबार से आने वाले बता कुछ तो मैया का हाल सुना ममता की मूरत मेरी माँ है कैसी उस ज्योता
मैया देदे तू देदे थोडा प्यार मेरी माँ, पान सुपारी ध्वजा नारियल तुझको भेट चडाऊगा हलवा पूरी और चने का
जी करदा मेरा दातिये नाच नाच ख़ुशी मनावा॥ पैरा विच पैरा विच पाके घुंगरू मैं जोगन बन जावा॥ मस्सा मस्सा
मन को पावन कर दो गंगा, जीवन कलश को धो धो गंगा, हर हर गंगे मैया जय जय गंगे मैया,
दीदार दीदार मैया का करो दीदार, बिगड़ी तेरी बन जायेगी कर ले तू दीदार, उसकी महिमा कितनी प्यारी वो सची
सोहन दा महीना मेले मंदिरा ते लगे दर जगमग मारे लिश्कारे, माँ पीपली ते पींग झूटदी माँ नु कंजका दें