
मंदिर में आई शेराँवाली
मेरे मन मंदिर में आई शेरवाली, मेहरवाली मैया आई आई ज्योति वाली, आई माँ दुर्गा माँ आई डेहरो खुशिया लेके

मेरे मन मंदिर में आई शेरवाली, मेहरवाली मैया आई आई ज्योति वाली, आई माँ दुर्गा माँ आई डेहरो खुशिया लेके

आंबे भवानी मेरी दुनिया दीवानी तेरी तू मेरी जगदम्बा ओ मेरी आंबे माँ चोकी सजाई है ज्योत जलाई है आजा

शेर पे होके सवार दर्श दिखा जाना, दर्श दिखा जाना माँ जग की पालनहार, दर्श दिखा जाना, तिरकुट पर्वत वसीभवानी

आने से माँ के आये बाहर जाने से माँ के जाये बाहर, बड़ी दया मई है मेरी पद्मावती माँ, हस्ते

रंग दे माँ रंग दे माँ रंग दे माँ, बस चरनी लगाई रखी साहनु, माये नि रंग ऐसा रंग दे,

जिथे हुंदा है जैकारिया दा शोर, ओहथे ता मेरी माई हुन्दी है , जिथे नाम वाली लगी होवे लोह, ओहथे ता

मैया रानी तेरे भवन में, मैंने बोया गुलबा, मैंने बोया गुलाब सबने बोया बेला चमेला, मैया रानी तेरे भवन में,

जय जय माँ… जय जय माँ… जय विष्णु प्रिया मईया वरदायिनी, जय महा लक्ष्मी..जय महालक्ष्मी.. जय सिधु-सुता मईया नारायणी, जय

बड़ी खुद गरज दुनिया है कोई न दर्द जाने माँ दिए जो जख्म दुनिया ने दिए जो जख्म सीने में

ना कजले की धार ना मोतियों के हार, ना कोई किया शृंगार माँ तुम कितनी सूंदर हो, तेरे माथे पे