झूला झूले भवानी
सावन महीने के रुत मत वाली, हरे हरे पीपल की उची उची डाली, डाली में झूला ढाल झूला झूले भवानी,
सावन महीने के रुत मत वाली, हरे हरे पीपल की उची उची डाली, डाली में झूला ढाल झूला झूले भवानी,
परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी जय जय जय सुखकारिणी भव दुु: ख निवारिणी पाप नाशिनी जय जय जय परब्रह्म रूपिणी माते
मईया बेडा पार लगा दे, अम्बे रानी आके बेडा पार लगा दे, महारा भी तू आके बिगड़ा काम बना दे
उची ते सुच्ची तेरी शान शेरावालिये, तांहिओ तेनू कहन्दे ने महान शेरांवालीऐ, भगतां दे कोलो माँ तू रखदी न दूरियां,
मेरे घर माता की चोंकी भक्तो सारे आना, सोये जागे भाग तुम्हारे मइयां सब को आप पुकारे, अपनी झोलियाँ पसारे
शेरावाली माँ तेरा नवरात आया है, फूलो कलियों से तेरा मंदिर सजाया है अब तो चली आ मैया तू तू
जय शारदा पुस्तक वाली माँ तेरी महिमा निराली, ज्ञान मान समान की देवी सुरगी सरिता वाली, जय शारदा पुस्तक वाली
दाती तेरा भिखारी से रिश्ता युगों पुराना, सबने सब कुछ यहाँ से पाया हम को तो भी पाना है, जिनको
सजा दो दर को फूलो से माँ का नवरात्र आया है, माँ का नवरात आया है समप्रदा कीर्ति यश भेभव
माँ से मांगता फिरता है मुह मांगी मुरादे पाता है, तेरा काम हो दोडा दोडा दर पे चला आता है