
करलो भक्तों स्नान गंगे मईया में
करलो भक्तों स्नान गंगे मईया में, कुंभ का मेला थे वर्ष में आया, अपने भक्तो को गंगा मैया ने भुलाया,

करलो भक्तों स्नान गंगे मईया में, कुंभ का मेला थे वर्ष में आया, अपने भक्तो को गंगा मैया ने भुलाया,

कलियाँ दे विच माँ आसन तेरा, फुल्लां दे विच माएं मौज बहारां, आजा नी माँ तैनू वाजां मारां, 1. जीवन

पा दे झोली विच खेर तू पा दे मंगते नु खेर एक वारी, पा दे झोली विच खेर एक महारानी,

सब ने काज सवारे,दुखियां दे कष्ट निवारे, एह्नु कहंदे शेरावाली मेरी है माता, नचो गावो भगतो आज है जगराता जद

काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी । काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट

किती मेरे उते सुखा वाली छा ऐ घर खुशियाँ हजारा मेरे मेरी मन ली मिनत मेरी माँ ने, घर खुशियाँ

माता रानी का दर्शन करने मैं आया, पूजा मैं करके चुनरी चढ़ाया, हे जगदमबा मुझे दर्श दिखा दो दुःख से

माये साहनु तेरा ही प्यार चाहिदा, प्यार चाहिदा विशुरमार चाहिदा, घट वध नहियो इक सार चाहिदा लगा तार चाहिदा, माये

खोलो खोलो खोलो अब तो करुणा के द्वार मेरी माँ, बड़ी आस लेके आये तेरे दरबार माँ तेरे दरबार माँ,

देखो कन्या बन के आ गई मेरी महारानी, मेरी महारानी मेरी आंबे रानी, देखो कन्या बन के आ गई मेरी