
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में
जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में बरमा बोले विष्णु बोले बोल रहे है शंकर भोले जय कारा जय

जय कारा जय कारा माँ गूंजे भवन में बरमा बोले विष्णु बोले बोल रहे है शंकर भोले जय कारा जय

ढोली जम के ढोल बजा आज है जगराता, माँ का दरबार सजा आज है जगराता, ढोली जम के ढोल बजा

मेरी मैया मत रुकने दिन दो चार झोपडी देखन में के जाए के कुटियाँ देखन में के जाए मेरी कुटियाँ

झोलियाँ भर लो माँ शेरावाली मेहरा वंडदी, ओ माँ दे भगतो माँ मेहरावाली मेहरा वंडगी, सब नु अपने कोल बुला

दर पे आई एक दुखयारी हे माँ विनती सुनो हमारी, तेरे बिना माँ कौन सुनेगा मेरे दिल का हाल, हमे

तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ, तेरे आगे जो झोली फैलाये माँ भरते है झोली माँ, तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ,

लाल लंगोटे वाला ये माँ अंजनी का लाला सोये भाग जगाता खोले किस्मत का ताला लाल लंगोटे वाला, माँ अंजनी

मैया जी तेरे दर पर आये फर्यादे लेकर, हम तो तेरे हो गये चरणों में खो गये, तेरी लगन लगाये

आज मैं वांग ध्यानु दे मैया दे दर नचना मैया दे दर नाचना आज न मैनु रोको कोई मैं पीछे

तेरे परा नाल उड जाँदे माँ, नी नहीते सानू कौन जाणदा, कौन जाणदा, कौन जाणदा तेरे परा नाल उड जाँदे