हे माँ मेरी कैसी है तू हस्ती
हे माँ मेरी कैसी है तू हस्ती, जिसको सताते जिसको रुलाते उस बेटी में क्यों न वस्ती, हे माँ मेरी
हे माँ मेरी कैसी है तू हस्ती, जिसको सताते जिसको रुलाते उस बेटी में क्यों न वस्ती, हे माँ मेरी
माएं तेरे कोलों एहो जेहे नसीब चोंदे आं, रेहणा तेर दर दे करीब चोंदे आं, 1. जिस पासे नज़र घुमावां
नही मंगदा शोरत दोलत माँ जिहना तू दिता काफी ऐ भावे सुख दे भावे दुःख दे माँ दिल तेरी रजा
आंबे मैया तेरे दर से कोई न खाली जाता है रोता हुआ तेरे दर पे आता हस्त हुआ वो जाता
नरबदे मैया तेरी हो रही जयकार तेरे घाट पे आंबे मैया झुकता है संसार नरबदे मैया तेरी हो रही जयकार
सिफत सुनी तेरी बड़ी दाती, बचिया दी फडदी बाह आमिये, मेनू सारे जग ने ठुकराया चरना विच दे था अमिए,
इक तू सच्ची तेरा दर सच्चा, सच्ची सूचि लगे तेरी ज्योत दातिए, इसे लई ता तकि तेरी ओट दातिए तू
दर ते अवांगे तेरे सालो साल नी माए । पूरे करदे तू मेरे वी सवाल नी माए ॥ सुहा चोला
मेरी झोली भर दो, मेरी झोली भर दो अम्बे माँ, तेरे द्वार पे बछड़ा आया एक खाली झोली लाया, मेरी
तू देंदी जा मायें, असीं मंगदे रहणा ऐं साडी नीयत भरनी नहीं ऐसी नाल ही कहना है, तू देंदी जा