कैसा लगा गोरा कैलाशा दा बसना
कैसा लगा गोरा कैलाशा दा बसना, सांजो भी कैलाशा अपने पास रखना, तेरे मणिमहेशा कबूरत बोल दे, भगत प्यारेया दे
कैसा लगा गोरा कैलाशा दा बसना, सांजो भी कैलाशा अपने पास रखना, तेरे मणिमहेशा कबूरत बोल दे, भगत प्यारेया दे
तोरे माथे की बिन्दिया गज़ब चमके माई मारे ये लश्कारे, सझ धज के तू बेठी भवानी जगदम्बे संतोषी रानी, कोई
नाम वाली पींघ दे हुलारे खा के वेख लै, इक वारि मैया दे द्वारे आके वेख लै नाम वाली पींघ
है झंडेवाली माँ मेरा प्रणाम स्वीकार करो, तेनु हर पल याद करा मेरा प्रणाम स्वीकार करो, है झंडेवाली माँ…. तेरे
जय कारा बोलो प्यार से दोबरा बोलो प्यार से, दुनिया की खुशियां मिलती है वाणी के दरबार से., जय कारा
क्या बात है मैया क्या बात है तेरा उचा भवन मैया क्या बात है तेरे दर की लगन मैया क्या
जम्मू में माँ मात वैष्णो कलकत्ते में काली , सब की विनती सुनती है मेरी मैया शेरोवाली, जय जय माँ
सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार माता रानिए। कर दे दया की नज़र इक बार माता रानिए॥ क्या गम है
तू ढोल बजावे ढोलीया असा पौनइया ने बोलियाँ बोलियाँ दे विच मैं माँ नाम ध्योना ऐ, साडे घर माँ दा
लाली चुनरिया लेहरा रही है, शेरोवाली मैया मेरे घर आ रही है, नो रात भक्तो के घर में रहे गई,