माँ दी मुरतीऐ हँस के मेरे नाल बोल
माँ दी मुरतीऐ हँस के मेरे नाल बोल, पैरी पवा के छाले मै ताँ आ गया तेरे कोल, माँ दी
माँ दी मुरतीऐ हँस के मेरे नाल बोल, पैरी पवा के छाले मै ताँ आ गया तेरे कोल, माँ दी
की सिफत लिखा मैं तेरी ज्योत दी जी मैथो सिफत लिखी न जावे हो तक के माँ दी ज्योत दे
देखो सूरज की किरणे बिखरने लगी रंग भरने लगी, जागो जागो भवानी सुबह हो गई, भीड़ भक्तो की आई माँ
बुहा खोल दे मैया जी इक वारि संगता द्वार खड़ियाँ , हॉवे मेहरा ते आवे साडी वारि संगता द्वार खड़ियाँ
चिंतापुरनी दे जाना दरबार माँ नु मिलने दी आई है बहार, चिंतापुरनी दे जाना दरबार सोहन महीना देखो कैसा आ
छू ले जो माँ की चौखट को तो जर्रा भी सितारा हो जाए, जहाँ जिक्र हो माँ का मंगल हो
हो के सिंह सवार माँ शेरावाली आई है, बचियाँ नु देन दिद्दार शेरवाली आई है , बड़े चीरा तो आज
मिलने साँवरिया से जाऊँ, अपना सब श्रृंगार बनाऊँ, गज़रा बालों बीच सजाऊँ, बिंदी कुमकुम वाली लगाऊं, काजल नैनों में चटक
जय बोल बोल जय बोल बोल शेरा वाली की जय जय बोल, मन में अमृत घोल रे भगता मन में
दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे यहीं जो बात इस जगह में, है कहीं पे नहीं, मंदिर