तेरे दरबार की मईया दिवानी दुनिया
तेरे दरबार की मईया दिवानी दुनिया सारी है, या जगमग ज्योत तेरी जलती मैया घनी लागे प्यारी है, मैया ऋ
तेरे दरबार की मईया दिवानी दुनिया सारी है, या जगमग ज्योत तेरी जलती मैया घनी लागे प्यारी है, मैया ऋ
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में तुम तो रहती हो ऊँचे पहाड़ों में जब तेरा बुलावा आता है
माँ मनसा देवी झोली मेरी आज भरदे, तेरे मंदिर मे आया हूँ बेड़ा पार करदे, सब जग को सुख देने
माता तेरे सजदे में झुक रहे ज़माने है, होठो पे इबादत है इबादत है नैन ये दीवाने है, जग ये
क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना मैं नही केहता सब केहते है मैया जी का
भुहा खोल या न खोल कुंडा खड़काई जावागे, जिह्ना मर्जी तू रूस ले मनाई जावा गये, भुहा खोल या न
तेरी किरपा से ओह माता चलता है परिवार मेरा जग ये फीका लागे जब से देखा दरबार तेरा तेरी किरपा
नाचेगे नचाएंगे अब तो हम शगन मनाये गे मैया की मेहर बरसी खुल जम कर के बरसी, खुशिया झालकाए गये
मैया ताके न मोरी ओरिया मैं क्या करूँ, हाय मैं क्या करूँ, रोज रोज तेरे दर पे आऊँ, मैया रोज
शेरावाली तेरी चूनरिया लाई गोटेदार तेरे दरबार माँ ॥ लाई तेरे दरबार माँ, लाई तेरे दरबार माँ ॥ मेरी मनसा