चुनरिया मात भवानी की मैने जयपुर से मगवाई
चुनरिया मात भवानी की, मैने रातो रात सजाई मैने रातो रात सजाई मैने प्रेम से उसे बनाई लाल रंग की
चुनरिया मात भवानी की, मैने रातो रात सजाई मैने रातो रात सजाई मैने प्रेम से उसे बनाई लाल रंग की
तेरी दया के फूल माँ जिस को मिल गये, तेरी किरपा से माँ उनके जीवन सवर गए तेरी दया के
मेहरारखी मेहरा वालिये मेरे घर परिवार ते, दया दृष्टि पाउंदी रही माँ मेरे कारोबार ते, मेहरा रखी मेहरा वालिये मेरे
हे माँ जगजानी हे जगजानी, हे माँ कल्याणी हे माँ वरदानी, ओ माँ ओ माँ जय माँ जय माँ, तुम
पल पल दाती पल पल दाती, तेरा याद आये हरपल दाती, तेरा हुकम हॉवे ते मैं आवा, जा आजा मेरे
खुशहाल करती मालो माल करती, शेरावाली अपने भक्तों को निहाल करती, अम्बे रानी वरदानी बैठी खोल के भंडारे, झोली ले
हम आईल तोहरी दुअरिया हो, दिलवा में आस लग गइल, कहवाँ जाई छोड़ के मंदिरवा हो, दिलवा में आस लग
कर सजदा शेरावाली नु दर दर भटकन दी लोड नहीं, एहथो जो मंगया सो मिल जांदा एह्दे दर ते कोई
ऐ देवा ऐ माई देवा एह्दा नाम है मिठ्डा मेवा, की नसीबा वाले लुट लेंगे, तेरा चुडा माँ तेरा चुडा,
मौजां रखी दातिए मेरी मौजां रखी माँ लाई चरनी तू रख मैनु करि ना माँ वख लड्ड फड़ेया माँ तेरा