मैं गाउ तेरी भेट सुन ले आराम से
मैया तेरा रंग चढ़ गया शान से, मैं गाउ तेरी भेट सुन ले आराम से, तीन लोक में चर्चा तेरा
मैया तेरा रंग चढ़ गया शान से, मैं गाउ तेरी भेट सुन ले आराम से, तीन लोक में चर्चा तेरा
भावना की ज्योत को जगा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले सौ बार चाहे आजमा के देख
नहीं देखा तेरा दरबार धोलागढ़ वाली मैया दर्शन को बड़ी बेकरार धोलागढ़ वाली मैया में रोज करू विचार ना होवे
तेरे दर्श को मैं आई सुन ले अर्ज मेरी महामाई दर्द दर्द की मैं ठुकराई सुन ले अर्ज मेरी महामाई
माँ तेरा दरबार जिसको शोभा जग में न्यारी रे, नैन निरंतर मूरत जागे सूरत प्यारी रे तू लागे प्यारी रे,
बही भक्ति की गंगा-यमुना, श्रद्धाओं के दीप जलाये। देखो फिर नवरात्रे आये। कोई माँ का भवन बुहारे, कोई तोरणद्वार सँवारे,
काली हो कलकत्ते वाली माता तू कजो बसे ऐहडी दूर मेरी माता, होर ता भेना तेरियां नेड़े नेड़े वासियां तू
अज मैया दे द्वारे उते ढोल वजदा, नचलो बई जिदा-जिदा दिल करदा, 1. नचणे दा सद्दाअसी सारेयां नूं देणां ए,
हे माँ जगदम्ब भवानी विनती करू मैं बारम बार मेरे घर आँगन खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार हे
आ भी जाओ जगदम्बे मेरे द्वार भवानी मोरे आँगन में हम ने सुंदर सजाया दरबार भवानी मोरे आंगन में आ