तेरे दर पे आने के मैया दो बहाने है
तेरे दर पे आने के मैया दो बहाने है, कुछ शिकवे करने है कुछ दर्द सुनाने है, गिरा हुआ हु
तेरे दर पे आने के मैया दो बहाने है, कुछ शिकवे करने है कुछ दर्द सुनाने है, गिरा हुआ हु
लाल लाल चूड़ी दे दे माँ पहनाऊ गी, तारा जड़ी चुनरी से माँ सजाऊ गी, लाल लाल चूड़ी दे दे
आये है तेरे द्वार तेरे ही भक्त अपार, सब कुछ जो गया हार तू उस को लगाती पार, माँ मंतो
माता रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी । हर पल माँ का ध्यान लगा, वो खुशिओं के पल
तेरे चरना च सब नु माँ था फड़ दुखिया गरीबा दी माँ बांह बोलो जी सारे जय जय माँ, जग
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है, प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
रंगला माये नी तेरा दरबार, दर तेरे देख्या मैं झुक्दा है सारा संसार, रंगला माये नी तेरा दरबार, माँ तेरा
करा की सिफ़त दातिये तेरा भवन प्यारा है, मियां जी तेरे बचिया नु बस तेरा ही सहारा है,. हो लाल
मेरी मैया दे द्वारे दी निराली शान है., ताहियो जग सारा आखे दाती न महान एह, मैया जी दी रेहमता
आओ चलों चलते संतोषी के धाम में, यात्रा को चलते हम सब संतोषी के धाम में, याहा बनते सब के