मुझे ऐसी लगन तू लगा दे मैं तेरे बिना पल ना रहु
मुझे ऐसी लगन तू लगा दे मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे
मुझे ऐसी लगन तू लगा दे मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे
हो, कर कर हवन सी देवते, जद माँ नु प्रसन लगे, केह्न्दे /लै बाई, चिन्ता पुरनी भवन ते, फुल बरसन
कोई भाव से कोई प्यार से, कोई भाव से माँ को चुनरी चढ़ा दे भाग्य जग जाएगा, कोई भाव से
आज सुहानी राति है भगतो जगराते दी आई, जय माता दी बोल बोल के रौनक खुभ लगाई, सारे मिल के
महिमा सारा दिन गावा मैं तेरे ही गुण गावा मैं दातिए, कर दे दया अपनी मेरे तेरे जगराता करवा वा
माँ तुम आओ सिंह की सवार बनकर माँ तुम आओ रंगो की फुहार बनकर माँ तुम आओ पुष्पों की बहार
जगदम्बे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है, सोहे वेश कसुमल निको तेरे रत्नो का सिर पे ताज है
भर जाती सब की झोली माँ के दरबार में, मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में, माँ
कौन आ गया नि आज मइयां दा सुनेहा ले के, कौन आ गया नि आज कौन आ गया, नि अज
चली आई रे भवानी माई पवन पवन पुरवाइयाँ रे, पूर्व दिशा हरलाइ माँ बदरियाँ चुनर झलक ता थइयाँ रे, चली