शेरावाली मैया दुर्गा वाली मैया
शेरावाली मैया दुर्गा वाली मैया नो नो रूपों वाली जय दुर्गा मैया, नवराते को जामे भक्त बुलाते झांजर झांकती तू
शेरावाली मैया दुर्गा वाली मैया नो नो रूपों वाली जय दुर्गा मैया, नवराते को जामे भक्त बुलाते झांजर झांकती तू
सुत्ती ऐ ते जाग उठ ,जाग अम्बे रानिये, अकबर कांगडे चड़ आइयो मेरी माँ, एक लख घोडा मारा सवा लख
मैं क्यों इंकार करा ओह्दी रेहमत दे वर तो, मैनु सब कुछ मिलिया है शेरावाली दे दर तो, ओह्दी शक्ति
सावन का महिना है मौसम भी सुहाना है, मैया ने भुलाया है दरबार को जाना है, सावन का महिना है
तेरा मंदिर निराला है शेरावालिये, शेरावालिये माँ ज्योता वालिये, तेरे दर्शन को आई माँ पहाड़ा वालिये, तेरा मंदिर निराला है
कोई आया कला कोई नाल परिवार दे, ऐसी भी ता चल आये माँ दे दरबार ते, रेहँदी न कोई थोड़
जो भी नाम मइयां दा लेंदे ओ सवाली तर जांदे, जो भी श्रद्धा नाल ध्याउंदे ओहदे पल्ले भर जांदे, एह
शेर ते सवार होके आई भोली माँ, आजो मथा तक लो नसीबा वालयो, बचैया ते कर दिन्दी रेहमता दी छा,
खोल ते खजाने आज माँ ने दरबार दे मुकने नहीं एथे कदे लगे भण्डार ने, भोरा संगो न मैया दे
पूजा करे तेरी सारा संसार, ऐंसा मेरी अम्बे मैया का प्यार । सबसे निराली है जगदम्बिका, मैया शक्तिशाली है जगदम्बिका