सानूं तेरी आदत पै गई ऐ
तेरा विछौड़ा झळल्या न जावे, बिन मिल्या सानूं चैन न आवे, होर न बाकी दिल विच्च कोई, हसरत रह गई
तेरा विछौड़ा झळल्या न जावे, बिन मिल्या सानूं चैन न आवे, होर न बाकी दिल विच्च कोई, हसरत रह गई
पहाड़ी की धरती में चमका सितारा दुर्गा स्वरूपा से छाया उजियारा, दर्शन को आया है संसार सारा गूंज रहा है
उचियाँ धारा तेरे डेरे जय हो ज्योता वाली माँ, करने दर्शन तेरे जय हो ज्योता वाली माँ, कोई ता भगत
चल भगता चल माता जी दे चलिये, चढ़ चलिये घर बार अपना, मैं चला गा तेरे नाल झंडा मैं चकना,
फिर लहराई माँ की चुनरियाँ आये है नवराते, घर घर ज्योत चली मैया की गली गली जगराते, झूमो नाचो ऐसे
मेरी मैया की सवारी आई रे मेरी मइयां, शेरावाली की सवारी आई रे मेरी मइयां, आई सिंह पे सवार माँ
जान लवे तू साड़े दिल दी ख़ुशी असा नु किनी मिलदी. इक बार तू दर्शन देदे अमडीये दिल नु तोड़ी
एहो आस एहो अरदास मेरी, ऐनी मिन्नत माए मंजूर करीं जदो होंण हनेरिया रातां माँ ज्योतां दा
बंगा चढ़ा लो बंगा मेरी मैया दे दरबार दिया ये बंगा सीता ने पाईया राम दे नाल प्रीता लाईया अयोध्यापुरी
विधि- पूर्वक ही जोत जलाकर माँ-चरणन में ध्यान लगाकर जो जन, मन से पूजा करेंगे जीवन-सिन्धु सहज तरेंगे कन्या रूप