माँ तेरे दर पे प्यार आया है
माँ तेरे दर पे प्यार आया है सदियों से बेशुमार आया है, माँ भवन में हो या मन में हमारे
माँ तेरे दर पे प्यार आया है सदियों से बेशुमार आया है, माँ भवन में हो या मन में हमारे
मैनु रखड़ी बंन्धन दा चाह , इक वीर दे दे दातिये, ओ असी आवांगे भेंन ते भरा, इक वीर दे
तेरे मंदिरा दी शोभा है कमाल मैया मेरी झंडे वालिये, तू ते करदी है सब नु निहाल मैया मेरी झंडे
शेर चढ़ी चढ़ आई मेरी माँ शेरा ते, भगता नु दर्शन देंदी मेरी माँ शेरा ते, शेर चढ़ी चढ़ आई
भवन सजाया दातिए तेरा रीजा ला के, आध गणेश मनाया तेरी ज्योत जगा के, पेंदा लिश्कारा तेरी ज्योति दा होया
मेला लगेया सोहन महीने मेले च मीह पीया वरदा, मंदिरा च ढोल वजे मेरा जी नचन नु करदा, माँ नु
सज्या है दरबार माँ तेरी जय होवे, माँ सच्ची सरकार माँ तेरी जय होवे, सज्या है दरबार माँ तेरी जय
मैया दे दवारे उते संगता ने चलिया, सब ने दर दियां रावा आज मलियाँ, फोटोवा भी झण्ड़ेया उते लइयाँ ने
झूम कर गाओ माँ का दर आया, जय कारे लगाओ माँ का दर आया, रेहमतो का खजाना ये दर है,
जो भी माँ की भक्ति दीवाना होता है वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है सुबह-शाम श्रद्धा से जो