मंदिर मैं बनवाऊंगी
मुझको भी धनवान बना दे मंदिर मैं बनवाऊंगी सोते उठते नित दिन मैया दर्शन तेरे पाउंगी ओ मइहर वाली माँ
मुझको भी धनवान बना दे मंदिर मैं बनवाऊंगी सोते उठते नित दिन मैया दर्शन तेरे पाउंगी ओ मइहर वाली माँ
तोहे नूर का जलवा है जन्नत का नजारा है, कश्मीर की वादी में शेरोवाली का द्वारा है, तोहे नूर का
मुझे पता चला है माँ आज यहाँ आएगी, चांदी सोना हीरे मोती धन बरसाएगी, मुझे पता चला है माँ आज
माँ शेरावाली मेरी भोली माँ तेरे दर ते अड़ के झोली माँ, भगत तेरे माये करदे पूजा माँ करदी दुनिया
अजब निराली शक्ति है मां ; मां बगलामुखी के नाम में, इच्छापूर्ण हो जाए ; मां बंगलामुखी के धाम, जो
शेरावाली के दरबार से जब से जुड़ा है नाता, मैं माँ को दिल से मनाता हु झोली में खुशिया पाता
हे माँ मुझको ऐसा घर दे जिस में तुम्हारा मंदिर हो, ज्योति जगे दिन रेन तुम्हारी तुम मंदिर के अंदर
बरसे अमृत धार मैया जी तेरे भवनों पे गूंजे जय जयकार मैया जी तेरे भवनों पे श्रद्धा से इक बार
मैया जी तेरी जय,दाती जी तेरी जय, मुझे अपना दास बना के चरणों के पास बिठा के मेरी रख ली
माई नजरा तू डाले मेरे नाल वे सो रब दी मैनु मैं सुख पावा, रखदे मैया हाथ तिहारा तेरी ममता