
पर्वत से उतर कर माँ मेरे घर आ जाना
पर्वत से उतर कर मा मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा मेरा मान बड़ा जाना, मैया तेरे बेटे

पर्वत से उतर कर मा मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा मेरा मान बड़ा जाना, मैया तेरे बेटे

ओ गंगे माँ गंगे अब सतलोक से उतरो माँ गंगे माँ गंगे, भागी रथ की आन बचाने माँ पतितो को

मेरी माँ के लंगर वीर उठा कुर वीर लंगर वीर, मेरी माँ से मुझे मिला दे कुछ बाते माँ से

आजा माँ दीवाने तेरे आये है, दीवाने तेरे आये है मस्ताने तेरे आये है, आजा माँ दीवाने तेरे आये है,

के नाचू छम छम पूरी रात मात तेरे जगराते में, मैया जगमग जगमग होये भवानी तेरी मंदिर में, मियां जय

मन्दिर में उड्ड रे गुलाल गुलाबी रंग प्यारा लगे मैया मेरी बिन्दीया वाली नथ्नी से उड्ड रे गुलाल गुलाबी रंग

दुर्गा भवानी मैया अम्बे महा रानी मैया, आ जाओ दरबार में, तेरे लिये मियां आसान लगाया, श्रद्धा के फूलो से

संतोषी माँ को सज रहयो है दरबार ज्योत जगाओ कन्या पूजा बोलो जय जय कार, संतोषी माँ को सज रहा

मेरी आँखों में तू मुश्कुराये, मेरी धड़कन पे है तेरे साये, पुजती है नजर तुझको अठो पहर, कौन तेरे सिवा

मैं जग दाँ सताया हाँ अम्बे महारानी तां दर तेरे आया हाँ हे जग कल्याणी मेनू दे चरना दी छा