जो माँ के द्वारे आया उसे हर ख़ुशी मिली है
जो माँ के द्वारे आया उसे हर ख़ुशी मिली है, सुने से गुलसिता में हर इक कलि खिली है, जो
जो माँ के द्वारे आया उसे हर ख़ुशी मिली है, सुने से गुलसिता में हर इक कलि खिली है, जो
नच दे भगत शेरावाली दे द्वारे, ऊंची ऊंची बोली माँ दे बोलदे जय कारे, आज नच नच ढाका लाइ जांदे
करे सिंह सवारी रे माये नो दुर्गा आ गई रे, नो दुर्गा आ गई रे माये नो दुर्गा आ गई
तेरा वसदा रहे दरबार नी माँ, सदा सुखी रहे [परिवार नि माँ, असी भरदे रहिये हाजारियां, तू भरदी रहे भंडार
जय माँ जय जय माँ जय माँ जय जय माँ, हे आंबे माँ घर आओ, राह तक्त पथ राय अखियां
अर्ज गुजारी आज माँ तेनु, चरना दे विच रख ले मेनू , गुण औघन न देख माँ मेरे, दर आया
चांदनी रात और पुरवा चली है, मीठी मीठी फूलो की खुशबू चली है, भीड़ भगतो की देखो लगी है, आया
धरती गगन में माँ तेरी है जय जय कार, अर्ज है भगतो की सुन ले माँ सब की पुकार, आंबे
मेरी मैया के दर पे आज भंगड़ा भज गया रे, मेरी मैया शेरावाली दुर्गा काली दुर्गा काली, तेरे भक्त करे
भोलिये एह माँ इक वारि मैनु तू दीदार दे, मैं अरजा गुजारा माये सुन लै पुकारा माये बचे तेरे तनु