जीण माता शक्ति मंगल पाठ द्वितीय स्कन्द
जीण जीण भज बारम्बारा,हर संकट का हो निस्तारा नाम जापे माँ खुश हो जावे,संकट हर लेती है सारा जय अम्बे
जीण जीण भज बारम्बारा,हर संकट का हो निस्तारा नाम जापे माँ खुश हो जावे,संकट हर लेती है सारा जय अम्बे
स्वर्ग है उतरा धरती पर इक बार देखलो, चिंतपूर्णी मियां का दरबार देखलो, मस्तक गिरा था यहाँ सति का वहा
दुर्गा दुर्गति दूर कर, सिद्ध करो सब काज भक्त आ गया शरण में,मात भवानी आज तेरा हो रहा माँ
॥ दुर्गा चालीसा ॥ ॥ जय माता दी ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अंबे दुःख हरनी
सुख जे माइये किरपा तेरी दुःख भी तेरा परशाद माँ, ताहियो आसा ने दुःख सुख अंदर राख्या है तनु याद
नगरकोट की ज्वाला रानी, सिमरु मैं बाराम बार माँ , नगरकोट की ज्वाला रानी चन्दन चौंकी चौंक पुराऊ तेरा सजाऊ
छड़ जग दे झगड़े झड़े आ बन जा नौकर माई दा, माँ आपे करू नवेडे आ बन जा नौकर माई
बल्ले बल्ले मैं मैया द फ़क़ीर हो गया, ओहदे रंगां विच रंगी तस्वीर हो गया, १. नाम वाले रंग विच
मैया तुमसे मुरादे लेने आये है, तेरे दर से ना खाली जायेगे, मैया तुमसे मुरादे लेने आये है तू ही
चलो चलो ऊंचे पर्वत से माँ का संदेशा आया, फैला कर के बाहे माँ ने भवन में तुम्हे भुलाया, जिस