माँ शेरावाली तेरा दर्शन चाहिये
ना सोने चांदी के कंगन चाहिये, माँ शेरावाली तेरा दर्शन चाहिये, तुझसे बड़ी माँ कोई रेहमत नहीं , तेरे चरणों
ना सोने चांदी के कंगन चाहिये, माँ शेरावाली तेरा दर्शन चाहिये, तुझसे बड़ी माँ कोई रेहमत नहीं , तेरे चरणों
शेरावाली की नजर जिस पे पड़ने लगी, देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी, माँ के पावन नवराते आ गए, घर
मेरी माता रानी ने ऐसा कर्म कमाया है, मुझ जैसे पापी को दरबार भुलाया है ना खाब में सोचा था
क्यों शेरावाली दा शुकर मनाइए ना दाती ने मेहरा कर दितियाँ, दाती सब दे दुखड़े हरदी दुखड़े हरदी मेहरा करदी,
मेरा मन माँ कहे मेरा तन माँ कहे , कण कण में तू साकार है माँ, तेरी महिमा तो अप्रम
गल मैया दी मैं की दसा, बड़ा करम मेरी सरकार दा ऐ, ओह जेह्डा शेरावाली दा बन जावे, ना किसे
जगजननी के जस ला,मै गावाव,अउ सुनावव, मातेश्री महामाया के, गावाव जस बगरावव घेरी बेरी सोरियावव, दाई दुरगा के कतको कहानी,सास्थार
मैया अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है किस्मत वालो के घर में मैया आती है । श्रद्धा से जो भी
आर लग दा न पार लगदा, दिल शेरावाली माँ दे दरबार लगदा लाल बोहड़ा जी लाल बोहड़ा, मेरी मैया दा
जे तू दर्श मैयां जी दा लोचदा ऐ, ते फिर पैरा दा लहू क्यों पोच्दा ऐ, इथे शीश चडोना पै