
तेरी महिमा तो अप्रम पार है माँ
मेरा मन माँ कहे मेरा तन माँ कहे , कण कण में तू साकार है माँ, तेरी महिमा तो अप्रम
मेरा मन माँ कहे मेरा तन माँ कहे , कण कण में तू साकार है माँ, तेरी महिमा तो अप्रम
गल मैया दी मैं की दसा, बड़ा करम मेरी सरकार दा ऐ, ओह जेह्डा शेरावाली दा बन जावे, ना किसे
जगजननी के जस ला,मै गावाव,अउ सुनावव, मातेश्री महामाया के, गावाव जस बगरावव घेरी बेरी सोरियावव, दाई दुरगा के कतको कहानी,सास्थार
मैया अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है किस्मत वालो के घर में मैया आती है । श्रद्धा से जो भी
आर लग दा न पार लगदा, दिल शेरावाली माँ दे दरबार लगदा लाल बोहड़ा जी लाल बोहड़ा, मेरी मैया दा
जे तू दर्श मैयां जी दा लोचदा ऐ, ते फिर पैरा दा लहू क्यों पोच्दा ऐ, इथे शीश चडोना पै
माँ वैष्णो कंजका दे नाल खेले माई, लुक छिप जाना मकाई दा दाना, राजे दी बेटी आई, माँ वैष्णो कंजका
वैष्णो धाम के दर्श करा दे रे पिया वैष्णो धाम त्रिकुटा पर्वत की करू मैं चढ़ाई, चरण पादुका दिखादे रे
लहर लहर लहराए चुनरिया मैया की । भक्तो के मन भाए, चुनरिया मैया की । लाल चुनरिया मैया की, लाल
थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे, मंडो हरे माहरो मंडो हरे, थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे, वेश