आजा साडी गली छड के पहाड़
आजा साडी गली छड के पहाड़ मैं कदों दा करा पुकार नि माये आजा साडी गली छड के पहाड़, तेरिया
आजा साडी गली छड के पहाड़ मैं कदों दा करा पुकार नि माये आजा साडी गली छड के पहाड़, तेरिया
माँ बुलावे बचेयाँ नूँ, माँ बुलावे भगतां नूँ, मंदिरां दे विच बैठी आदिकुमारी, लंगरवीरा वे तूँ वी करले तैयारी, पीछे
तेरी जय जय कार भवानी शुकर करा दिन रात भवानी, तेरे मंदिरा तो माँ मिलदी सुखा दी सोगात भवानी, तेरी
आज तूने रोनके लगा दी माता रानिये, जोत मेरे घर भी जगा दी माता रानिये, आते आते जगे वाली रात
मानो तो मई गंगा मा हू, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, जो स्वर्ग ने
झंडे वाली मैया तेरी आरती उतारू, आरती उतारू तुझपे तन मन वारु, झंडे वाली मैया तेरी आरती……. हिरदय की थाली
खुली राखी मैं नीना वाली बारी उडीक मेनू तेरे औन दी, साड़ी वध गई माँ बेकरारी उडीक मेनू तेरे औन
खोलो माँ बूहे मंदिरा दे खोलो | कद दा खड़ा आवजा मारा, मेरे बोल सुनो, कुझ बोलो || भगतां नाल
रंग दे रंग दे लाल माये, आज करदे कोई ऐसी कमाल माये, रंगदे रंगदे रंगदे माँ रंगदे, ध्यानु भगत जेहड़े
आज की रात है बड़ी सुहानी गीत ख़ुशी के गाना है, जगराते की ज्योति जगाना है जय कारे मैया के