
माँ जैसा कोई नहीं
दुखियो के दुखड़े मिटने सोये सोये भाग जगाने, बैठी खोल के दया के भण्डार माँ जैसा कोई नहीं, सिफ़त करे

दुखियो के दुखड़े मिटने सोये सोये भाग जगाने, बैठी खोल के दया के भण्डार माँ जैसा कोई नहीं, सिफ़त करे

ਆਜਾ ਭਗਤਾ ਓ ਗੱਡੀ ਮਈਆ ਜੀ ਦੇ ਚੱਲੀ ਆ ਭਗਤ ਪਿਆਰਿਆਂ ਨੂੰ ਦਾਤੀ ਚਿੱਠੀ ਘੱਲੀ ਆ ਆਜਾ ਭਗਤਾ ਓ ਗੱਡੀ…

रज के राज्या सहनु माता ने चरनी लगाया सानूं माता ने, खोल देवे मैयां जदों दया वाले द्वार जी, सुध

मुहो मंगी जिसतो मुराद जन्दी मिल, पत्थर दी मूर्ति दा फुला वाला दिल ए, जीहदे बूहे घूम लाये भुटे जांदे

मेरी मैया झंडे वाली ने कमाल कर दियां, इक बांज की गोदी में माँ ने लाल भर दियां, कहते थे

धिनक धिन ता थैया तेरा प्यार नचाता है, जब कोई लाल तेरा तेरे भवन में आता है, हाथो में लेकर

माँ दे दर थोड़ न मंगन दी लोड न, जिह्ना दर ला लिया प्रीता गुड़ीया ने पा लिया, दाती दे

कपूर पिंड वाली माँ भंडारी बैठी खोलके, भर लो झोलियाँ जैकारे माँ दे बोल के , कपूर पिंड वाली माँ

लमिया क़तारार विच लग के ऊंची ऊंची आवाज पाए मारदे, दर्श दिखा दे शेरावालिये भगत ने भूखे तेरे प्यार दे

दुःख भी वथेरे परेशानियां भी बहुत ने, छोटी जेहि जिन्दगी कहानियां बी बहुत ने, की होया मथो रूस गई ऐ