माये सहनु तेरा ही प्यार चाहिदा
माये सहनु तेरा ही प्यार चाहिदा घट वध नहियो इक सार चाहिदा लगातार चाहिदा, माये सहनु तेरा ही प्यार चाहिदा
माये सहनु तेरा ही प्यार चाहिदा घट वध नहियो इक सार चाहिदा लगातार चाहिदा, माये सहनु तेरा ही प्यार चाहिदा
नी मैं रेल भगत नाल गावा मैया जी तेरिया आरतियां -॥ हाथ मेरे मैं गंगा जल गड़वा -॥ मैं मैया
आज शुक्रवार है माँ संतोषी का वार है जीवन के इस युद शेत्र में रक्षा की दीवार है, भगतो की
दे मैनु दातिए मैं देवा तेरे नाम दा, एहना दे लावा भंडारा सुबहो शाम दा, दे मैनु दातिए मैं देवा
मेरी पूजा कर स्वीकार माँ तेरी लाल चुनरिया ले आई, मुझे दर्शन दे इस वार मैं तेरे दर पे दौड़ी
डी जे में बैंड में बॉक्स के साउंड में भजन तेरा भजता जब आये नवराति तेरा जगराता है होता तू
तू ही दुर्गा तू ही महाकाली सबकी झोली माँ तू भरने वाली, तेरा मेरा है जन्मो का नाता मैं हु
जागरण की रात मियाँ, रात भर जगाई है॥ अभी भी ना आई रानी सवेर होने अई है॥ जागरण की रात
बच्चे माँ तेरे द्वार ते तेनु पये वाजा मारदे, तू माँ इक वारी आन के मावा वाला प्यार दे, तेनु
माँ नू मनन वालेयां दी बेडी कदे न अडी, अडी ओ माँ नु मनन वालेया दी बेडी कदे न अडी,