
मैया बैठी आसन मार द्वार पर थारा लंगुरियां
मैया बैठी आसन मार द्वार पर थारा लंगुरियां, कैला कैला सब कहे लंगूर कहे न कोई कैला के दरबार में

मैया बैठी आसन मार द्वार पर थारा लंगुरियां, कैला कैला सब कहे लंगूर कहे न कोई कैला के दरबार में

नैना देवी माईये नी बूहे मन्दिरा खोल !! बूहे मन्दिरा दे खोल , कूण्डे मन्दिरा खोल !! हथ विच झण्डे

सोहना है दरबार माई दा भगतो श्रद्धा नाल आई दा, आई दा हर साल माता भरदी झोलिया. भर दी रेहमता

माँ चिंतपूर्णी मैनु रंग च रंगा, होर कोई रंग चढ़े न मैनु ऐसा रंग तू चढ़ा, माँ चिंतपूर्णी मैनु रंग

तेरे बेटे भुलाते है माँ आज तुझको माँ आना पड़ेगा, तूने हर दम ही टाला हमे अब कोई ना बहाना

माँ का दर्शन जिसने पाया उसने पाया अमृत फल जय माता की कहता चल जय माता की कहता चल ऊँचें

ज़िंदगी दे विच न कोई दाती परेशानी है, तेरी मेहरबानी मैया तेरी मेहरबानी है, जदो दा प्यार दाती तेरे नाल

मैं तो आरती उतारूं रे, संतोषी माता की । जय जय संतोषी माता, जय जय मां ॥ बड़ी ममता है

रंग चढ़ गया माँ दा लाल लाल रंग चढ़ गया माँ दा लाल, आज ऐसी होइ कमाल लाल रंग चढ़

खांदे कमांदे रेहन सदा तेरे बछड़े शेरा वालिये नित भंगडे पौंदे रेहन सदा तेरे बछड़े शेरावाल्डीये खांदे कमांदे रेहन सदा