हे माँ मुझको ऐसा घर दे
हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।
हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।
शेरवा पर सवार मैया ओढे चुनरी, एक हाथ में कह्पर ले ली एक हाथ में बाला, एक हाथ आसीस रूप
तेरे ज्योत में पल पल मैंने तेरा किया नजारा, बैठ के चरणों में तेरे मैं भूल गई जग सारा, लाटा
माँ की सूरत ली है दिल में उतार प्यारा सजा है माँ का दरबार बड़ी मन भावन है मेरी आंबे
बड़ा सुख मिलता है मैया जी, दरबार तुम्हारे आने से, सब कुछ पाया मैया रानी दीदार तुम्हारे आने से, बने
जागे वाली जागे वाली आई आज रात वेख भगता, मैया दे दुआरे आज पेंदी ऐ धमाल वेख भगता, संगता वी
एक जुग से में तरसा शेरावालिये, दर्शन को तेरे मैं जोता वालिये, पहाडा वालिये दिलासा वालिये, तेरी भक्ति तेरी पूजा
दूर भवन मत जाओ मेरी मैया आज तुम्हारा पूजा का दिन है सपने मेने बृह्मा को देखा वैद पढ़ा रहे
मांवां ठंडियाँ छांवां माँ तेरे सदके जावा मांवां वरगा होर ना कोई केहंदे लोग सयाने मांवां बाजो कोई न पूछदा
ये कैसी अजब बिमारी है जिहने पट ली दुनिया सारी ऐ, तनु आउना पैना हूँ माये बचैया ने हिमत हारी