जगन्मात जगदम्बे
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे, तू शक्ति भगवती भवानी महिमामयी महामाया बखानी विश्व रचे पाले संहारे शांति करी मंगल सुख रूपा
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे, तू शक्ति भगवती भवानी महिमामयी महामाया बखानी विश्व रचे पाले संहारे शांति करी मंगल सुख रूपा
तू दर्श दिखा दे माये दर संगता अर्ज गुजार दियां चल बड़ी दूर तो आइयाँ ने एह माता चीर पहाड़
हथ बन्न करदा मैं अरदासा, नी माइये शाम सवेरे, कर अर्जी मंजूर माँ मेरी, झुकिया रहां दर तेरे, हर पल
एह मूर्ति नही एह सची माँ ए, जे दिलो बुलाओ गे एह बोल्दी ता ऐ, एह मूर्ति नही एह सची
हर वेले माँ फिकर करे साडे घर साडे परिवारा दी सेवा दार झंडे वाली दे झंडे वाली सेवा दारा दी
तू दाती असी मांगते तेरे बन बन खड़े सवाली, तेनु दाती किसे नी कहना जे अज मुड़ गए खाली, तू
तेरी नूरी ज्योत माँ जिथे जिथे जगदी , सूखा वाली गंगा ओथे रेहँदी वग दी, तेरी नूरी ज्योत माँ जिथे
आई सिंह पे सवार मैया ओढे चुनड़ी, आधी शक्ति है मात भवानी जय दुर्गे माँ काली, बड़े बड़े राक्शक संगारे
करुना का है रूप भगवती माँ की महिमा अनुपम है अशत बुजी जगदम्बे मा का सर्व शरेस्थ उतम है करुना
दुनिया में सपना है सब कुछ हर माया का डेरा, हे मईया है तू ही बस मेरी सुख का सूरज