जगजननी जय जय माँ
जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय ॥ भयहारिणि भवतारिणि भवभामिनि जय जय ॥ तू ही सत चित सुखमय शुद्ध
जगजननी जय जय माँ जगजननी जय जय ॥ भयहारिणि भवतारिणि भवभामिनि जय जय ॥ तू ही सत चित सुखमय शुद्ध
तू सी निगहा मेहर दी कर दिति ज़िंदगी को मुश्किल हर दिति, साड़ी खाली झोली भर दिति ऐसी फुले नहीं
भोली अपनी माँ नु मैं दिल दा हाल सुनावा मुरादा होंन पुरिया मैं नंगे पैरी आवा माँ दुखड़े मुका दे
सुन नगरकोट दिए रानिये तेरे गल फुला दे हार तेरे बचडे वाजा मारदे आ सुन बचेया दी पुकार मेरी नईया
तुम बिन हमारी विपदा मां कौन आके टारे, नैया भंवर पड़ी है करदो जरा किनारे, निर्धन को मिली माया गूँगे
मैया तेरा बना रहे दरबार बना रहे दरबार मैया तेरा तेरे पावन दर पे आके मैया हो सबका उद्धार मैया
माई के दीवाने जबलपुर वाले रेवा माई के हे मोरी माई के दीवाने जबलपुर वाले रेवा माई के भु़ंनसारे से
दोवे इक दू्जे दे दिल विच रहने आ, मैं ते मेरी माँ ॥ असी विशोदा एक दूजे दा सहने ना,
अम्बे मइया के दर, लेके लाली चुनर जयकारा लगाया ,मज़ा आ गया भक्ति भी मिल गयी,शक्ति भी मिल गयी रूप
देवी माँ को पूज लो माँ का दर्शन पाओ गे, प्रम आंदन मिले गा तुझको जब चरणों में आओ गए,