जय जय गिरिबर राज किसोरी
जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥ जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनी दुति गाता॥ देवी पूजि
जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥ जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनी दुति गाता॥ देवी पूजि
तेरे दर को में,तेरे दर को में माँ, तेरे दर को में छोड कहा जाओ माँ, दूजा कोई द्वार न
सब कुछ वही पा जाता जो दर पे आ जाता माँ आये तेरे योगी हमे शरण में लगाओ माँ ने
अखां थक गईआं तक तक राह, इक वारी आजा दातिये । मेनू तेरे मिलन दा चाह, इक वारी आजा दातिये
हम है भक्त तुम्हारे आजा माँ तुमको पुकारे ढोले जीवन की नैया मैया लगा दे किनारे सब को तुम्ही ने
मईया,,, मेरी मईया, मईया,,, दुर्गा मईया,,, माँ की चुनरिया,,, माँ की चुनरिया,,, ओढ़ चुनरिया मईया, दर्स दिखाना , *दर्स दिखा
माँ की चुनरियाँ माँ की चुनरियाँ, ओड चुनरियाँ मैया दर से दिखाना, दर से दिखा के मेरे भाग जगाना, माँ
घर मे विराजो मियाँ घर मे विराजो॥ विराजो दुर्गा मैया मेरे घर मै विजरो॥ भगती का शक्ति है भगतों के
घर आवो मेरे घर आवो, तेरे मैं दर्शन पाऊं, भवानी मेरे घर आवो आवो जी आवो ना देरी लगाओ तेरे
माँ तुरैया नहीं जांदा सोन दा मेला आ गया, मै आप लेजागी तू क्यों भगता खबरा गया, धर्म धर्म दा