पाके घुंगरू पैरा दे विच नचना नि
पाके घुंगरू पैरा दे विच नचना नि मैं, दाती दे दरबार ते, दाती दे दरबार ते शेरावाली दे दरबार ते,
पाके घुंगरू पैरा दे विच नचना नि मैं, दाती दे दरबार ते, दाती दे दरबार ते शेरावाली दे दरबार ते,
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
आयी आज जागे वाली रात आज भगतो, आइया संगता भी दुरो दर जल सी, मैं सुनिया दाती मेहरा करदी मैं
चरणों में हम को बिठा लो ओह आंबे रानी सेवक बना लो सेवक बना लो मैया सेवक बना लो चरणों
लक्ष्मी माँ तेरे बिना, मान न मिले, मान न मिले माँ, सम्मान न मिले l*ll पैसे बिना कोई, काम नहीं
माँ ज्वाला तेरी दैवी शक्ति नमन करू शीश नमाया मान भक्तो का बढाया है रे ध्यानु और घोड़े को दे
करदो कृपा माँ झंडेयावाली मैं आया तेरे द्वार पे झोलियाँ भर दो संकट हरदो अपने चरणों का प्यार दे करदो
द्वार मैया के रोज तुम आते रहो, काम बिगड़े सभी तेरा सुधार जाएगा। मन से मैया को गर पुकारो कभी,
माँ कहंदी सुन मेरी लाल, टेंशन नही लेनी नही लेनी, मैं हर पल तेरे नाल टेंशन नही लेनी नही लेनी,
मैं भी अगर शेर होता माँ को अपनी पीढ पे लेके जगह जगह फिरता और दुनिया केहती देखो माँ का