जे ना होई सुनवाई दर तेरे गरीब दस्स कित्थे जाणगे
जे ना होई सुनवाई दर तेरे, गरीब दस्स कित्थे जाणगे। दूर किते ना जे दुखां दे हनेरे, गरीब दस्स कित्थे
जे ना होई सुनवाई दर तेरे, गरीब दस्स कित्थे जाणगे। दूर किते ना जे दुखां दे हनेरे, गरीब दस्स कित्थे
ढोल नगाड़े भजने लगे है दवार मैया के सजने लगे है, भक्तो को करती निहाल जी, चुनरिया लाल जी बड़ी
रल्का महा माया का लागे रे, इंदरगढ़ का डूंगरा में बाजा बाजे रे, बाजा बाजे रेे बाजा बाजे रे………… राग
अजब निराली शक्ति है , माँ बंगलामुखी के नाम में ॥ इच्छा पूर्ण हो जाए , माँ बंगलामुखी के धाम
जगराता आज है जगराता, सब मिल कर मंगल गाओ आज है जगराता, तुम प्रेम से माँ को मनाओ आज है
अंबे भवानी तेरा ध्यान सभी है धरते नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया दुर्गुणों का नाश करते करते जब-जब जग
एक बार जगदम्बे हमारी हो जाऐ, फिर संसार तमाम हमारा हो जाऐ, उसकी श्रद्धा ओर विश्वास में टिक जाऐ ,
अम्बेरानी मातुभवानी , सिहंवाहिनी जगकल्यानी, जगमग सजी है नगरिया,आये हैं तोहरी दुवरिया, माँ…आये हैं तोहरी दुवरिया, हे महिषासुर मर्दिनी माता,जगमंगल
जगमग जगमग दिया बरत हे, अम्बा की आरती होवय हो माँ, कंचन के थारी म धुपे कपूर धर, माटी के
मेरी मैया जी दे खुल गे द्वार दर्शन करो भगतो भरा झोलिया ते खुल गे भंडार दर्शन करो भगतो अखियाँ