पड़ा हूँ चौखट पे तेरी
पड़ा हूँ चौखट पे तेरी दे दे सहारा माँ, मझधार में है कश्ती दे दे किनारा माँ, बता दे मुझे
पड़ा हूँ चौखट पे तेरी दे दे सहारा माँ, मझधार में है कश्ती दे दे किनारा माँ, बता दे मुझे
तुम ही हो दुर्गा तुम ही काली, तुम ही माता ओ शेरोवाली, तेरे ही दर पे आये है मैया, बनकर
आए मैया के नवराते, हो रहे घर घर में, हो रहे घर घर में जगराते, रिझाते मैया को, रिझाए मैया
धरती गगन में होती है तेरी जय जैकार, हो मैया… ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जैकार । दुनिया
पावन है सबसे ऊँचा है साँचा है ये दरबार कलयुग में भी होते है जहाँ रोज़ चमत्कार, ले आंबे नाम
इहो साड़ी आस है पुजाइ शेरा वालिये, हर साल साहनु तू भुलाई शेरावालिये, पूत जीवे आंदा घर खेल के श्याम
बचड़े ने आउंदे दर माँ जो भुलाउंदी है, बचा जे भुला वे माँ भी दौड़ी दौड़ी आनदी है, केहन्दी दुनिया
जय जय हो जय शेरावाली, मरते ते दम तक कुछ न चाहू होठो पर तेरा नाम रहे, जय जय हो
सब तो बड़ी दात तेरी तू अपने चरनी लाया तेरा मैं गुणगान करा इस काबिल मेनू बनाया सीधे रस्ते पाया
दाती माँ मेरी लाज रखना, लाज सब की तू रखने वाली तेरे दर पर आया माँ सवाली दाती माँ मेरी