दरबार सज गया माँ
दरबार सज गया माँ की ज्योत जल गई, मन्नत हुई पूरी इस दिल का कमल खिल गया मैया जी के
दरबार सज गया माँ की ज्योत जल गई, मन्नत हुई पूरी इस दिल का कमल खिल गया मैया जी के
चल वे मना चल उथे चलिये, जिथे बाण गंगा दा पानी रुत मस्तानी, आदि भवानी संग कंजका दे खेडदी, चल
नर की शोभा हैं नारी, नारी से दुनिया हारी, नारी से देवता हारे ब्रह्मा विष्णु त्रिपुरारी, नारी से हारे दानव
जंगल का राजा शेर मेरी माँ की सवारी शेर जग दियां जोतरानी मैया की सवारी शेर जय माता दी बोलो
मैया तेरे दर दे नजारे सोहने लगदे, ज्योता विचो पेंदे लिश्कारे सोहने लगदे, मैया तेरे दर दे नजारे सोहने लगदे,
नाम जपनं दी आदत पा, नाम जपनं दी आदत पा, ध्यानु भगत दी भगती वरगा मेनू भी कोई पाठ पड़ा,
स्वर्ग से भी ज्यादा प्यारा, केड शक्तिधाम है, केड शक्तिधाम है, माँ का, केड शक्तिधाम है, स्वर्ग से भी ज्यादा
आ गया तेरे द्वार मैं चल के बेठ गया तेरा दर मल के, लख धके कोई मारे दर्शन करके ही
दुर्गे माता आंबे माता तेरी जय जय कार माता, दर्शन की अभिलाषा माता तेरी जय जय कार माता जय हो
भगता ने मैया जी दा जागा करवाया है, किनी सोहना आज देखो भवन सजाया है, नाल ज्योति दा नजारा रिज़ा