गौरी सुत गणराज पधारो
गौरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना हो गा तुझको आना होगा, गौरी सुत गणराज पधारो…. सारे
गौरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना हो गा तुझको आना होगा, गौरी सुत गणराज पधारो…. सारे
जो रिधि सीधी दाता है, प्रथम घनराज को सुमरू जो रिधि सीधी दाता है, मेरी अरदास सुन देवा तू मुश्क
मेरी सुन लो इक अरदास गणपति देवा जी, मेरे कारज करना रास गणपति देवा जी, मंगल कारी नाम तुम्हारा तुम
गणपति गोरी जी के नंदन गणेश जी, मैं शरण तुम्हारी आया हूँ , मेरी रक्षा करो हमेश जी । सबसे
गणनायक से हट कर मन कही जाता नही है, सच पूछो तो उन जैसा कोई दाता नही है सुख कही
आना गौरा जी के लाल हमारे होली में, रिद्धि को लाना सिद्धि को भी लाना आना गौरा जी के लाल
मेरे लाडले का रखना ख्याल कहा शिव शंकर ने बड़े लाडो से पाला मैंने लाल कहा शिव शंकर ने सावन
पहिले हम तोहके मनाईब हों गौंरा के ललनवा, गौंरा के ललनवा हो शंकर के सुमनवा, पहिले हम तोहके मनाईब हों
प्रीत में पूजे नाम तुम्हारा गणपति जगत खिवैयाँ शिव नन्द आज हमारी पार लगाना नैया, घजराणा में आन विराजे ये
करे मुशक सवारी मेरे घर आना, गणपति जी गजानन जी भक्तो की लाज रखना, करे मुशक सवारी मेरे घर आना,