रिधि सीधी के दाता तुम
रिधि सीधी के दाता तुम हो गणपति, तेरे चरणों में सिर को नमन कर दिया, आँखे उपर उठी तेरे दर्शन
रिधि सीधी के दाता तुम हो गणपति, तेरे चरणों में सिर को नमन कर दिया, आँखे उपर उठी तेरे दर्शन
हे मंगल मूर्ति मोरेया हे सीधी विनायक मोरियाँ, हे मंगल दायक सीधी विनायक लाल गेट के राजा, हम तेरी शरण
हुई गलियों में जय जयकार, आया गणपति तेरा त्यौहार।। नाची मन में उमंग भरा खुशियों ने रंग, गूंजी गणपति तेरी
वंदना करा गोरी दे लाल तेरी वंदना करा, सिमरन करा सिमरन करा , हे गोरी दे लाल तेरी वंदना करा
आज मिलके मंगल गयो जी , आके गणेश मनाओ जी, आओ जुमो नाचो गाओ जी आके गणेश मनाओ जी, मुसे
देव गजानन संकट हारन, रिद्धि सीधी के है भण्डार, शरण तिहारी आये है, सोने को तेरे छतर सोहे मुकट की
प्रथम निमंत्रण आपको गजानंद सरकार तेरा नाम लिया है पहले अब सुनले मेरी पुकार प्रथम निमंत्रण आपको गजानंद सरकार तुझे
गजानना श्री गणराया आधी वंदू तुज मोरया मंगलमुर्ती श्री गणराया आधी वंदू तुज मोरया सिंदुरचर्चित धवळे अंग चंदन उटी खुलवी
तेरी आरती मैं गाऊ शीशक जुको निभाऊ मेरे गणपति, तू ही सुख का है आधार हे मेरे गणपति, तेरे गुण
आओ आओ गजानन आओ आके कीर्तन में दर्शन दे जाओ शिव गोरा के प्यारे घजानन, सारे देवो में न्यारे घजानन