शिव पार्वती के लाल गजानन
शिव पार्वती के लाल गजानन सफल करो मेरा जीवन, मेरा तू ही सहारा गजानन, मैं आया तेरी शरण, शिव पार्वती
शिव पार्वती के लाल गजानन सफल करो मेरा जीवन, मेरा तू ही सहारा गजानन, मैं आया तेरी शरण, शिव पार्वती
लक्ष्मी गणेश घर में पधारे, सुख संम्पति वर से अंगना हमारे, शुभ पल शुभ दिन शुभ दिवाली, रात ये आई
तू ही कष्ट निवारे मोरिया तू ही भगतो को तारे मोरियाँ, तू ही पार उतारे मोरियाँ, मोरिया रे मोरियाँ गणपति
गोरा के राज दुलारे आज हां मेरी लाज रखो, लाज रखो देवा लाज रखो देवा आज हमारी लाज रखो, गोरा
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायु: कामार्थसिद्धये ।।१।। प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदंत द्वितीयकम् । तृतीयं कृष्णपिड्:गाक्ष गजवक्त्रं चतुर्थकम्
गजानन जन नी तेरी जय हो जय हो विजय हो, तेरा लाडला लाल गणपति गणपति हम पर स्दये हो तेरी
टेकडी जाना है उन को मनाना है करना है दीदार, पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल, मोदक
देवा हो देवा गणपति देवा तुम से बड कर कौन और तुम्हारे भगत जनों में हम से बड कर कौन
गणराया गणराया विघन हरो गणराया तेरे द्वारे जो आया तूने उस को है तारा तेरी लीला का पार नही पाया
गणपती बाप्पा मोरिया कलयुग में क्या जो रिहा पढ़े लिखे को काम नही कर रहे वो चोरियां गणपती बाप्पा मोरिया