ओ गणपति गजानन
ओ गणपति गजानन मुझको जरा बता दे, मेरी पूजा में कोई कमी हो तो विधि मुझे सिखा दे, ओ गणपति
ओ गणपति गजानन मुझको जरा बता दे, मेरी पूजा में कोई कमी हो तो विधि मुझे सिखा दे, ओ गणपति
बैगा बैगा आओ गजानंद ओ थारी खूब करा रे मनुहार, पधारों म्हारा गजानंद…. पार्वती के पुत्र गजानंद थे तो शिव
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली, जगा जगा पंडाल लगे है जगह जगह फंक्शन, घर घर पधारे
अरे गली गली और गांव शहर में हो रहा देखो हल्ला, घर घर आया खुशिया लाया,यु शंकर का लला, झूम
जब जब, कीर्तन करने को हम, कहीं पे जाते हैं l सब से पहले, जोर से गणपति, वंदन गाते हैं
जय गोरी लाल जय गोरी लाल, रिधि सीधी के तुम हो दाता, कर दो मुझपे थोड़ी नज़र. आओ गणपति मेरी
कानन कुण्डल कुंचित केसा गणराया गणपति गणेशा, तेरी पूजा करू हमेशा, लडडुआ दे ले थाल, तेरी जय हॉवे माँ गोरा
जय गणपति जय गणराजा दर्शन देने अब आजा तेरे भाग के माली हिया हम तू ही सचा रखवाला जय गणपति
हिंदुस्तान की बात नहीं है चाहे कोई हो देश, ब्रह्मा विष्णु महेश से पहले पूजे तुझको देव, जय हो जय
शेंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुखको, दोंदिल लाल बिराजे सूत गौरीहरको , हाथ लिए गुड-लड्डू साईं सुरवरको , महिमा कहे ना