गणपति ने प्रथम मनावा सा गणपति ने
मनावा मनावा मनावा मनावा गणपति जी ने प्रथम मनावा सा गणपति ने शिव शंकर के कुवर लाड़ले ॥ माँ गौरा
मनावा मनावा मनावा मनावा गणपति जी ने प्रथम मनावा सा गणपति ने शिव शंकर के कुवर लाड़ले ॥ माँ गौरा
गणपति बापा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ, मेरे मन मंदिर तुम भगवन रहे , मेरे दुःख से तुम केसे
ओह्ह सुन्न फ़रियाद पीरा देया पीरा, होर आख सुन्नावा कीनू तेन जहय मैनू होर ना कोई, ते मैं
गाइये गणपति जगवंदन | शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥ सिद्धि सदन गजवदन विनायक | कृपा सिंधु सुंदर सब लायक
रखो मेरी लाज रखो मेरी लाज, गोरा जी दे लाल तेनु करा अरदास, रखो मेरी लाज रखो मेरी लाज, सुर
वीर है गौरा तेरा लाडला गणेश, माता है तू जिसकी पिता है महेश, वीर है गौरा तेरा लाडला गणेश, तन
ओ मेरे गणराज भक्तो के घर आजा, घर आजा अब दर्श दिखा जा भक्तो के घर अजा ओ मेरे गणराजा
श्री गणपति गोरा जी के ललना , गजानंद जी पधारो मोरे अंगना , गौरी नाथ तेरी जय……………. शिव गोरा के
वेलकम गणेशा तेरा मेरा परिवार में, प्यार भी पिरोया है फूलो के संहार में, रिद्धि सीधी देवा तेरे साथ आ
ओं लाल बाग़ के राजा रिधि सिद्धि को ले के आजा, मोदक का थाल सजाऊ तू आकर भोग लगा जा,