हे गणपति महाराज करू मैं गुणगान तेरा
हे गणपति महाराज करू मैं गुणगान तेरा पूरण कर दो काज करू मैं तेरा हे गणपति महाराज करू मैं गुणगान
हे गणपति महाराज करू मैं गुणगान तेरा पूरण कर दो काज करू मैं तेरा हे गणपति महाराज करू मैं गुणगान
हे शिव के प्यारे माँ गोरी के दुलारे, रिद्धि सीधी के संग रहना घर में सदा हमारे, हे शिव के
आदि गणेश मनाइए,पहला आदि गणेश मनाइए ll मूहों मंगीयाँ मुरादां पाइए,मूहों मंगीयाँ मुरादां पाइए आदि गणेश मनाइए………… सोने दी चौंकी
गौरी सूत शंकर लाल, विनायक मेरी अरज सुनो, बैठा भागवत महा पूराण, विनायक मेरी अरज सुनो, गौरी सुत शंकर लाल,
जय जय गौरी लाल तेरी जय होवे, जय होवे गौरी लाल तेरी जय होवे, जय जय गौरी लाल तेरी जय
धुप खेवाला अगरबत्ती ओ, निज मंदरिया में, रमता पधारो गणपति, निज मंदरिया में, रमता पधारो गणपति, ब्रम्हा पधारो देवा, विष्णु
हे जग वन्धन गोरी नंदन करदो जग से पार, गजानन आया तेरे द्वार, रिद्धि सीधी के तुम हो स्वामी, के
गणपति महाराज जी मेरे गणपति, मेरे पुराण करियो काज जी, मेरे गणपति, माँ गोरा दा राज दुलारा शिव शंकर दी
सब से पहले गणपति जी को मिल कर शीश जुकाए भोग लगा कर लाडूयो का हम गणपति जी को मनाये,
सब जय जयकारे लगाए रहे श्री गणपति जन्म लियो, आये रे आये ब्रह्मा भरमाणी. आये रे देखो इंद्र इंद्राणी, अरे