गजानन रे गजानना
गजानन रे गजानना गजानन रे गजानना, चूम चूम के चरण पकड़ विघन हरन के चरण पकड़ गजानन रे गजानना भागो
गजानन रे गजानना गजानन रे गजानना, चूम चूम के चरण पकड़ विघन हरन के चरण पकड़ गजानन रे गजानना भागो
धोया-पुन्छया आँगणा थे आओ विनायक पावणा, आओ म्हारे पावणा, थे पुरो म्हारी कामना, सूंड-सुंडाला, दुंद-दुन्दाला, मुसे का असवार जी,दो नारी
तेरे भगत द्वारे आये पूजा करने गणपति राये, मिल कर तुझे मनाना है मेवा बेट चडाना है दूध का भोग
पहले ध्यान श्री गणेश का मोदक भोग लगाओ भक्ति मन से करलो भगतो, गणपति के गुण गाओ, पहले ध्यान श्री
आ जाना गणपति आ जाना भप्पा आ जाना जय गणेश श्री जय गणेश देव लोक के है दुलारे, महादेव और
तुम देवो के सरताज तुम्हारा चारो तरफ है राज गजानन गणपति, शिव जी पिता गोरा माता री मूषक राज है
श्रीगणपती स्तोत्र साष्टांग नमन हे माझे गौरीपुत्रा विनायका । भक्तीनें स्मरतो नित्य आयुःकामार्थ साधती ॥ १ ॥ प्रथम नांव वक्रतुंड
आओ श्री गणेश जी आओ श्री गणेश, गोरजा के लाल लाडले भोले के गणेश, आओ श्री गणेश जी आओ श्री
आओ आओ गणराज गणेश जी मोरे अंगना पधारो श्री गणेश जी माँ गौरा के लाड़ले गणेश जी मोरे अंगना पधारों
गजानन म्हारे घर आओ, विनायक म्हारे घर आओ, संग ल्याओ शुभ और लाभ गजानन रिद्ध-सिद्ध न ल्याओ.. गजानन म्हारे घर