कोई शुभ काम हो सब से पेहले
कोई शुभ काम हो सब से पेहले गणेशा को हम सब मनाये, रीती देव ने इसकी चलाई इस रीती को
कोई शुभ काम हो सब से पेहले गणेशा को हम सब मनाये, रीती देव ने इसकी चलाई इस रीती को
भक्तो की रक्शा करे गा यहाँ पर बस देवा तुमने है ठानी, जन्मे यहाँ पर मिटी यहाँ की भक्तो की
श्री गणेश मेरी सुन लेना भप्पा तू मेरी सुन लेना, जब सुबह आये या शाम आये तेरा ही सिमरन करे
हम सब गातें हैं तेरी वदंना, शिव के लाल गणेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा, हम सब गातें हैं तेरी
मोरे अंगना गजानन आए री, आप भी आए संग रिद्धि सिद्धि लाए, सोए भाग जगाए री, मोरे अंगना गजानन आए
सबसे पहले गणपत पूजे कह के जय जय श्री गणेश, लड्डू का जब भोग लगे गा विघन विनाशक कष्ट हरेगा,
अरे लेके गणेश को कहा जावे, कहा जावे गोरा कहा जावे, सुन भोले पीहर जाऊगी कभी लौट के मैं न
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये ॥ १॥ प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम् । तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं
पूजा करां मैं गौरां दे लाल दी रभी रूप कोई अवतार दी, गणपति जी गणेश कटो सब दे कलेश, ताहियो
रिद्धि सीधी के दाता माँ गोरी के ललना, आओ आओ श्री गणेश पधारो मोरे अंगना, भांति भांति के फूल मंगवा